पहलगाम आतंकी हमले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्यभर में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। अब सिर्फ पाकिस्तानी नागरिक ही नहीं, बल्कि सभी अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों की जांच की जा रही है। रविवार को दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ में पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की।
बिलासपुर में 300 से अधिक संदिग्ध पकड़े गए
बिलासपुर पुलिस ने अलग-अलग मोहल्लों में सघन तलाशी अभियान चलाते हुए 300 से ज्यादा संदिग्धों को पकड़ा। इनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, मिदनापुर जिलों और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से आए हुए लोग हैं। इन सभी के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच आईसीजेएस पोर्टल के जरिए की जा रही है।
दुर्ग में तड़के सुबह छापेमारी
दुर्ग जिले में पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देश पर तीन अलग-अलग टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने तड़के 4:30 बजे मुस्लिम बहुल इलाकों में छापेमारी की।
एएसपी अभिषेक झा ने मोहन नगर थाना क्षेत्र के उरला स्थित बॉम्बे आवास में कार्रवाई की।
एएसपी सुखनंदन राठौर ने भिलाई-3 थाना क्षेत्र के हथखोज इलाके में छापा मारा।
एएसपी पद्मश्री तंवर ने सुपेला थाना क्षेत्र में मस्जिद के पीछे के इलाकों में रेड की।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने घर-घर तलाशी ली, निवास संबंधी दस्तावेजों की जांच की और लोगों के फिंगरप्रिंट लेकर रिकॉर्ड से मिलान किया। बॉम्बे आवास में दबिश के दौरान चार फरार वारंटियों को पकड़ा गया, चोरी की एक स्कूटी बरामद हुई और दो छिनैती के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सभी से मोहन नगर थाने में पूछताछ की जा रही है।
रायगढ़ में भी चली तलाशी मुहिम
रायगढ़ जिले में कोतवाली पुलिस ने इंदिरा नगर और आसपास के क्षेत्रों से करीब 50 लोगों को थाने लाकर दस्तावेजों की जांच की। अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से आए हुए हैं। पुलिस अब इनके पहचान पत्रों और निवास प्रमाणों की गहन जांच कर रही है।
बाहर से आए मजदूरों पर सख्ती
रायगढ़ में पुलिस ने पाया कि कई ठेकेदार अन्य राज्यों से मजदूरों को लाकर काम पर रखते हैं, लेकिन उनकी मुसाफिरी थानों में दर्ज नहीं कराते। कोतवाली थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल ने बताया कि करीब 50 लोगों की जांच की जा रही है, ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान हो सके।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
गौरतलब है कि इससे पहले 23 अप्रैल को भी पूंजीपथरा और कोतवाली पुलिस ने कुल 37 लोगों को पकड़ा था, जो लंबे समय से बिना वैध पहचान दस्तावेजों के शहर में रह रहे थे।





