विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत इन दिनों छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों में जाकर कृषि वैज्ञानिकों की टीम किसानों से सीधा संवाद कर रही है। वैज्ञानिकों की टीम ने रायपुर, बेमेतरा, दुर्ग, बालोद, धमतरी, बिलासपुर, महासमुंद और बलौदाबाजार जिलों के गांवों में जाकर किसानों से मिलकर उनकी समस्याएं जानी। इस दौरान किसानों ने फसल बीमा राशि नहीं मिलने, मृदा की घटती उपज क्षमता, जल स्रोतों की कमी, महंगे बीज और खाद की उपलब्धता तथा मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। किसानों की इन समस्याओं को वैज्ञानिकों ने गंभीरता से सुनी। वैज्ञानिकों ने बताया कि मिट्टी की गुणवत्ता और नमी का सटीक आंकलन कर खेतों में ड्रोन आधारित सर्वेक्षण और पोषण प्रबंधन से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली अपनाने की सलाह दी।
रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉक्टर एम.के साहू ने आकाशवाणी समाचार से बातचीत करते हुए बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत उनकी टीम धरसींवा विकासखंड के दो गांवों में जाकर किसानों से चर्चा की और उन्हें कृषि संबंधी तकनीकी जानकारियां दीं।





