कबीरधाम, 07 जून 2025
कबीरधाम पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह मामला एक कथित कृषि केंद्र के खाते से जुड़ा हुआ है, जिससे 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आए हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह खाता देशभर में फैले एक संगठित साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा था, जिसके तहत 16 राज्यों में अब तक 56 ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।
🔹 भोरमदेव कृषि केंद्र बना साइबर ठगों का ‘म्यूल अकाउंट’
भोरमदेव थाना अंतर्गत ग्राम राजनावागांव में स्थित M/S Bhoramdeo Krishi Kendra, जिसका संचालन नामदेव साहू (पिता – भीमलाल साहू, निवासी सिंघनपुरी, हाथीडोब) द्वारा किया जा रहा था, वहां के ICICI बैंक खाते में वर्ष 2023–24 के दौरान लगभग ₹2.5 करोड़ के संदिग्ध ट्रांजैक्शन दर्ज हुए हैं। तकनीकी विश्लेषण में यह लेनदेन सामान्य व्यापारिक गतिविधियों से मेल नहीं खाता।
🔹 16 राज्यों में फैला साइबर फ्रॉड नेटवर्क, 70 लाख की पुष्टि
तकनीकी समन्वय और राष्ट्रीय स्तर पर साझा जानकारी के आधार पर पुलिस ने पाया कि इस खाते के माध्यम से 16 राज्यों में दर्ज कुल 56 मामलों में ₹70,27,299 की राशि की ठगी की गई है। आशंका है कि शेष राशि भी साइबर अपराधों से अर्जित की गई है, परंतु कई पीड़ितों द्वारा शिकायतें दर्ज न कराए जाने से उनका रिकॉर्ड नहीं बन पाया।
🔹 देशभर में ठगी के आंकड़े इस प्रकार हैं:
तेलंगाना: 11 मामले – ₹19.22 लाख
तमिलनाडु: 3 मामले – ₹9.52 लाख
कर्नाटक: 10 मामले – ₹8.67 लाख
महाराष्ट्र: 6 मामले – ₹6.47 लाख
पश्चिम बंगाल: 5 मामले – ₹6.44 लाख
दिल्ली: 2 मामले – ₹3.40 लाख
गुजरात: 4 मामले – ₹3.50 लाख
हरियाणा: 4 मामले – ₹2.60 लाख
आंध्र प्रदेश: 2 मामले – ₹2.38 लाख
अन्य राज्यों में भी ₹50,000 से लेकर ₹1.5 लाख तक की ठगी के प्रकरण दर्ज
🔹 आरोपी की पूर्व में भी संदिग्ध पृष्ठभूमि
नामदेव साहू के विरुद्ध पहले से ही थाना लोहरा में ₹1.90 करोड़ के गबन और धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। इसके अलावा चेक बाउंस के कई मामले भी उसके खिलाफ लंबित हैं। आरोपी ने इस बार खुद ही बैंक को आवेदन देकर खाता होल्ड कराया ताकि साइबर ठगों के साथ ठगी कर अर्जित रकम पर एकाधिकार कर सके।
🔹 पुलिस ने म्यूल अकाउंट के पूरे नेटवर्क का किया पर्दाफाश
पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के निर्देशन में साइबर सेल के डीएसपी श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर और मुख्यालय डीएसपी श्री आशीष शुक्ला की विशेष तकनीकी टीम ने मोबाइल नंबर, ईमेल, लेन-देन की आवृत्ति और डिजिटल प्रमाणों का गहन अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी ने जानबूझकर अपना बैंक खाता साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया। यह “म्यूल अकाउंट” की श्रेणी में आता है – जो कि आधुनिक डिजिटल फ्रॉड का मूल आधार होता है।
🔹 दर्ज हुई FIR, साइबर अपराध की विस्तृत विवेचना जारी
थाना भोरमदेव में आरोपी के विरुद्ध धारा 317(4), 318(2) BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। जांच अब खाते से जुड़ी प्रत्येक ट्रांजेक्शन की फॉरेंसिक समीक्षा पर केंद्रित है। इस मामले की कड़ी बैंगलोर में दर्ज अन्य साइबर अपराध से भी जुड़ती दिख रही है।
⏹ कबीरधाम पुलिस की सक्रियता से उजागर हुआ एक और राष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क
कबीरधाम पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि वह साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए तत्पर और सक्षम है। इस कार्रवाई से न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में फैले साइबर ठगों को करारा संदेश मिला है कि डिजिटल अपराध अब ज्यादा दिन छिपाए नहीं जा सकते।





