पाली (कोरबा)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में स्वास्थ्य सेवाओं की आड़ में मरीजों के परिजनों से पैसों की जबरन वसूली का मामला एक बार फिर सामने आया है। पीड़ित परिजन ने बताया कि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर और स्टाफ नर्स ने प्रसव कार्य के लिए हजारों रुपए की मांग की और अंततः 4 हजार रुपये लेने के बाद ही प्रसव कार्य कराया गया।
ग्राम सेंदरीपाली निवासी पीड़ित कीर्ति सिंह खैरवार ने बताया कि दिनांक 08 सितंबर 2025 को वह अपनी बहू अशोक कुमारी खैरवार को प्रसव हेतु अस्पताल लेकर आए थे। इस दौरान अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर ने 5 हजार रुपये की मांग की और मोलभाव के बाद 4 हजार रुपये में सहमति बनी। यह रकम अस्पताल परिसर में पदस्थ स्टाफ नर्स को दी गई। परिजन ने स्पष्ट कहा कि यह सरकारी अस्पताल गरीबों की सेवा के लिए है, लेकिन यहां खुलेआम जबरन वसूली हो रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में जिला पंचायत कोरबा की स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास सभापति माया रूपेश कंवर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली का औचक निरीक्षण किया था। उस समय उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के रवैए और व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कड़े निर्देश दिए थे कि प्रसव कार्य पूरी तरह निःशुल्क किए जाएं, मरीजों के साथ किसी प्रकार की आर्थिक लेन-देन की स्थिति न बने और गंभीर बीमारियों के उपचार में कोई लापरवाही न हो। निरीक्षण के दौरान ही उन्होंने सिजेरियन डिलीवरी न होने, आपातकालीन बिजली व्यवस्था की कमी और स्टाफ की लापरवाहियों पर नाराज़गी जताई थी।
इसके बावजूद अस्पताल स्टाफ द्वारा प्रसव कार्य के नाम पर पैसों की मांग और वसूली की बात सामने आना यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। इससे पहले भी अस्पताल से जुड़ी ऐसी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन कार्यवाही के अभाव में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
गरीब मरीजों से इस तरह की जबरन वसूली न केवल सरकारी योजनाओं की धज्जियां उड़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर आमजन का भरोसा भी तोड़ रही है। यह मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है और अब देखना होगा कि संबंधित जिम्मेदार अधिकारी इस पर क्या ठोस कदम उठाते हैं।





